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Tuesday, March 23, 2010

मै तुम्हारी प्रीत सखे


मैं हूँ पुष्प नाजुक, कोमल
स्नेह स्पर्श आकांक्षी हर पल 
छुअन रखना कोमल अपनी 
बिखर ना जाये जीवन पंखुरी

हूँ लता छुईमुई बलखाती 

स्पर्श से तेरे जीवन पाती 
सहारा रखना सबल अपना 
टूट ना जाये कमर-तना

हूँ पंछी
मैं चंचल, चपल
स्नेह्दाना चुगती पलपल
नीड़ आश्रय रखना संभाले 
कर देना ना आंधी हवाले
 
मैं तुम्हारी प्रीत सखे 
जीवन बस तुझमें दिखे 
नेह चांदनी बरसाए रखना 
बन जाये ना जीवन सपना

12:58, 21/3/10

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