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Monday, October 11, 2010

आज पगली को चैन है …



आहा!!
सुनो  
पगली  झूमे  है  
योगी  ने  कहा
चंद्रिकेआज  भी  है
बस
इतना  भर  ही  
पर
कितना  कुछ
कह  दिया .

मौन  
मेरे  होंठ  
मुस्काए  जाते  हैं
नैनो  में  
चमक  आई  है  
देखो  तो  
कलियाँ  
खिलखिलाई  हैं
आज  तो  
में  रानी  हूँ
 हाँ  
अपने  योगी  कि
दीवानी  हूँ
आज  ना  कहूँगी
कुछ  मैं ..

सुन  लो  
मेरे
मुस्काते  होंठ  
जो  कहते  हैं
मेरी  चाल  
जो  कहती  है
मेरे  
लाल  कपोल  जो  
कहते  हैं
लहराती  चुनरी  
जो  कहती  है
हाँ
आज  नहीं  
व्याकुल  
रैन  है
हाँ  
आज
पगली  को  
चैन  है
12:59a.m., 17/5/10

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